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मैंने समझा नहीं आप किस जायदाद की बात कह रहे थे। देवकुमार सकुचाते हुए बोले - अजी वही, जो सेठ मक्कूलाल ने मुझसे लिखाई थी। - अच्छा तो उसके विषय में ...