विमल छंद

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विमल छंद मानवता को हृदय में, हर्षित हो नित पाल। मानवता में है छिपी, सुखद भाव की चाल।। जीव मात्र के स्नेह से, विपदाओं को टाल। बसा स्नेह में जीव के, ...

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