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हाँ,मैं नारी हूँ । दोहा- अति सुंदर भावुक बहुत, दिव्य भाव अनमोल। घोला करती सृष्टि में, सदा प्रीति के घोल। चौपाई- मैं नारी अति सहज स्वभाऊ। सौम्य सुशीला अधिक प्रभाऊ।। सदा ...