निर्मल छंद

144 भाग

249 बार पढा गया

9 पसंद किया गया

निर्मल छंद चलते रहना कहते चलना। हरिओम सदा जपते बढ़ना। प्रतिवाद विवाद नहीं करना। चुपचाप सदैव रहो मनसा। शुभ पंथ सदा गह कर रहना। यह राह सुखांत सदा जग में। मन ...

अध्याय

×