प्रीति निभाना

144 भाग

186 बार पढा गया

7 पसंद किया गया

प्रीति निभाना       (स्वर्णमुखी छंद) साथ निभाना प्रीति जानती। अंतस में वह बैठी रहती। दिल की सारी बातें कहती। प्रीति प्रीति को बहुत मानती। बहुत लुभावन प्रीति सयानी। अति मनमौजी हँसमुख सुमुखी। ...

अध्याय

×