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प्रभू मोरे अवगुण चित न धरो समदरसी है नाम तिहारो चाहो तो पार करो।। एक लोहा पूजा में राखत एक रहत ब्याध घर परो पारस गुण अवगुण नहिं चितवत कंचन करत ...