16 भाग
20 बार पढा गया
1 पसंद किया गया
राम नाम मणि दीप धरु, जीह देहरीं द्वार तुलसी भीतर बाहेरहुँ, जौं चाहसि उजिआर।। अर्थ— तुलसीदासजी कहते हैं कि हे ! मनुष्य यदि तुम भीतर और बाहर दोनों ओर उजाला चाहते ...