मुसाफिर--(विजय शर्मा की कहानी)

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अरी ! मुसाफिर भेजो नहीं तो यह पानी रुकने वाला नहीं है.’’ उसने कहा. कई दिनों से पानी बरसता जा रहा है. लगातार. कभी झमाझम बरसता. कभी रिमझिम बौछार पड़ती. कभी ...

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