59 भाग
41 बार पढा गया
1 पसंद किया गया
जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय बारे उजियारो लगे, बढ़े अँधेरो होय।। अर्थ— रहीमदास जी कहते हैं कि दीपक के चरित्र जैसा ही कुपुत्र का भी चरित्र होता ...