अफसाने मोहब्बत के मर्कूम सभी हैं

1 भाग

190 बार पढा गया

7 पसंद किया गया

अफसाने मोहब्बत के मरकू़म सभी हैं। बदनाम अकेला हूं मासूम सभी हैं। मंजि़ले मक़सूद से हम इसलिए हैं दूर। खादिम नहीं है कौ़म के मख़दूम सभी हैं। यह ज़र्फ है मेरा ...

×