रहीमदास जी के दोहे

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जैसी परे सो सहि रहे, कहि रहीम यह देह धरती ही पर परत है, सीत घाम औ मेह।। अर्थ—  रहीमदास जी कहते हैं कि जैसी इस देह पर पड़ती है सहन ...

अध्याय

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