कालवाची--प्रेतनी रहस्य--भाग(८)

75 भाग

3536 बार पढा गया

26 पसंद किया गया

कुशाग्रसेन के मुँख पर चिन्ता के भाव देखकर सेनापति व्योमकेश बोले.... महाराज!ऐसे चिन्तित होने से कुछ नहीं होने वाला,अब तो उस हत्यारे को बंदी बनाना अनिवार्य हो गया है,हम ऐसे हाथ ...

अध्याय

×