पैरों की पायल

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पलथी मार हाथों में तुलसी की माला लिए और ऑंखें बंद कर भगवान का ध्यान भी नही हुआ था कि कानों में आई शोरगुल की आवाज ने शकुन्तला जी की बंद ...

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